बगलामुखी तंत्र साधना से लोग वशीकरण, मारण, उच्चाटन आदि कार्यों को बखूबी अंजाम देते हैं। अपने मन की बात को पूर्ण करने के लिए लोग इस तंत्र साधना का प्रयोग करते हैं और तंत्र-मंत्र पर अंधविश्वास करने वाले लोगों का मानना है की इससे बेहतर कोई अन्य विकल्प नहीं है। बगलामुखी मां की आराधना मात्र से साधक के सारे संकट दूर हो जाते हैं और "श्री" वृद्धि होती है।
तांत्रिक साधना से शत्रुओं का शमन, विवाद,अपने ऊपर हो रहे अकारण अत्याचार से बचाव, किसी को सबक सिखाना हो तो, मुकद्दमा जीतना, असाध्य रोगों से छुटकारा पाना, बंधनमुक्त होना, संकट से उद्धार पाना, नवग्रहों के दोष से मुक्ति के लिए तथा किसी अन्य के टोने को बेअसर करना हो तो बगलामुखी इसके लिए संजिवनी बुटी हैं। तंत्र मंत्र में महारथ हासिल किए जानकार कहते हैं की बाहर के शत्रु जातक को उतना नुकसान नहीं पहुंचाते जितना सगे संबंधी पहुंचाते हैं।
बगलामुखी साधना को पूर्ण करने के लिए निम्न बातों का विशेष रूप से ध्यान रखना चाहिए अन्यथा साधना अपूर्ण रह जाती है।
1. बगलामुखी साधना करते समय पूर्ण रूप से ब्रह्मचर्य का पालन करें।
2. किसी भी स्त्री को छुना, वार्तालाप करना यहां तक की सपने में भी किसी स्त्री का आना पूर्णत: निषेध है। ऐसा न करने से आपकी साधना खण्डित हो जाएगी।
3. इस साधना को करने के लिए किसी डरपोक व्यक्ति या बच्चे का सहारा नहीं लेना चाहिए। बगलामुखी साधना करते समय साधक को डर, विचित्र आवाजें और खौफनाक आभास भी हो सकते हैं। जिन जातकों को काले अंधेरों और पारलौकिक ताकतों से भय लगता हो, उन्हें यह साधना कदापि नहीं करनी चाहिए।
4. साधना का आरंभ करने से पूर्व अपने गुरू का सिमरण अवश्य करें।
5. मंत्रों का जाप शुक्ल पक्ष में करना अत्यन्त शुभ फल देता है। नवरात्रि के दिनों में बगलामुखी साधना करना सबसे उत्तम फल देता है।
6. उत्तर की ओर मुंह करके बैठने के बाद ही साधना का आरंभ करें।
7. मंत्रों का जाप करते वक्त आपका स्वर अपने आप तेज होता जाएगा। ऐसा होने पर चिंता ना करें बल्कि अपना ध्यान मंत्रों पर केंद्रित रखें।
8. साधना को गुप्त रूप से करें। जब तक साधना पूर्ण न हो जाए किसी से भी इस विषय पर वार्ता न करें।
9. साधना आरंभ करने से पूर्व अपने चारों ओर घी और तेल के दिए जलाएं।
10. साधना करते वक्त पीले रंग के वस्त्र धारण करें और पीले रंग के आसन का ही उपयोग करें।
बगलामुखी मां की आराधना से सारे संकट दूर हो जाते हैं।
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तांत्रिक साधना से शत्रुओं का शमन, विवाद,अपने ऊपर हो रहे अकारण अत्याचार से बचाव, किसी को सबक सिखाना हो तो, मुकद्दमा जीतना, असाध्य रोगों से छुटकारा पाना, बंधनमुक्त होना, संकट से उद्धार पाना, नवग्रहों के दोष से मुक्ति के लिए तथा किसी अन्य के टोने को बेअसर करना हो तो बगलामुखी इसके लिए संजिवनी बुटी हैं। तंत्र मंत्र में महारथ हासिल किए जानकार कहते हैं की बाहर के शत्रु जातक को उतना नुकसान नहीं पहुंचाते जितना सगे संबंधी पहुंचाते हैं।
बगलामुखी साधना को पूर्ण करने के लिए निम्न बातों का विशेष रूप से ध्यान रखना चाहिए अन्यथा साधना अपूर्ण रह जाती है।
1. बगलामुखी साधना करते समय पूर्ण रूप से ब्रह्मचर्य का पालन करें।
2. किसी भी स्त्री को छुना, वार्तालाप करना यहां तक की सपने में भी किसी स्त्री का आना पूर्णत: निषेध है। ऐसा न करने से आपकी साधना खण्डित हो जाएगी।
3. इस साधना को करने के लिए किसी डरपोक व्यक्ति या बच्चे का सहारा नहीं लेना चाहिए। बगलामुखी साधना करते समय साधक को डर, विचित्र आवाजें और खौफनाक आभास भी हो सकते हैं। जिन जातकों को काले अंधेरों और पारलौकिक ताकतों से भय लगता हो, उन्हें यह साधना कदापि नहीं करनी चाहिए।
4. साधना का आरंभ करने से पूर्व अपने गुरू का सिमरण अवश्य करें।
5. मंत्रों का जाप शुक्ल पक्ष में करना अत्यन्त शुभ फल देता है। नवरात्रि के दिनों में बगलामुखी साधना करना सबसे उत्तम फल देता है।
6. उत्तर की ओर मुंह करके बैठने के बाद ही साधना का आरंभ करें।
7. मंत्रों का जाप करते वक्त आपका स्वर अपने आप तेज होता जाएगा। ऐसा होने पर चिंता ना करें बल्कि अपना ध्यान मंत्रों पर केंद्रित रखें।
8. साधना को गुप्त रूप से करें। जब तक साधना पूर्ण न हो जाए किसी से भी इस विषय पर वार्ता न करें।
9. साधना आरंभ करने से पूर्व अपने चारों ओर घी और तेल के दिए जलाएं।
10. साधना करते वक्त पीले रंग के वस्त्र धारण करें और पीले रंग के आसन का ही उपयोग करें।
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